दोस्तों, इस पोस्ट में आप शेयर तथा डिबेंचर में क्या अंतर होता है? (difference between share and debenture) को समझेंगे|
जैसा कि आपने पिछली पोस्ट में पढ़ा कि शेयर क्या होता है? तथा डिबेंचर क्या होता है?
शेयर तथा डिबेंचर को अच्छी तरह समझने के लिए आपको डिबेंचर और शेयर के बीच अंतर (Difference between debenture and share) को समझना बहुत ही आवश्यक है|
इक्विटी शेयर और डिबेंचर के बीच अंतर (Difference between equity share and debenture) समझने के बाद आपको कंपनी के बारे में भी थोड़ा सा समझ आ जाएगा|
तो चलिए दोस्तों!! शुरू करते हैं आज का यह टॉपिक – शेयर तथा डिबेंचर में क्या अंतर होता है? (difference between share and debenture)
Share vs Debenture
शेयर तथा डिबेंचर के बीच अंतर समझने के लिए हम एक टेबल का इस्तेमाल करते हैं|
- Share vs Debenture
- सबसे पहले हम शेयर तथा डिबेंचर के बीच स्वभाव में क्या अंतर होता है?
- शेयर तथा डिबेंचर में शेयर होल्डर तथा डिबेंचर होल्डर की स्थिति क्या होती है?
- कंपनी में शेयर तथा डिबेंचर होल्डर में से किसको मतदान का अधिकार होता है?
- कंपनी पर शेयर होल्डर का अधिकार होता है या डिबेंचर होल्डर का अधिकार होता है?
- निष्कर्ष
सबसे पहले हम शेयर तथा डिबेंचर के बीच स्वभाव में क्या अंतर होता है?
S.No. | अंतर बिन्दु | शेयर | डिबेन्चर |
1. | स्वभाव/Nature) | इसमें दिया हुआ फंड एक प्रकार से ऑनर फंड होता है| इस प्रकार से दिया हुआ धन आपको कंपनी का मालिक बना सकता है| | इसके द्वारा दिए गए धन को उधार लिए हुए धन (Borrowed Fund) की तरह गिना जाता है| बौरोड फंड में आप एक ऋण दाता की तरह व्यवहार करते हो| इस तरह के दिए हुए धन के द्वारा आप कभी भी कंपनी के मालिक नहीं बन सकते| |
शेयर तथा डिबेंचर में शेयर होल्डर तथा डिबेंचर होल्डर की स्थिति क्या होती है?
S.No. | अंतर बिन्दु | शेयर | डिबेन्चर |
2. | स्थिति (Status) | शेयर होल्डर को कंपनी के मालिक के रूप में जाना जाता है| | डिबेंचर होल्डर को कंपनी के ऋणदाता के रूप में जाना जाता है| |
कंपनी में शेयर तथा डिबेंचर होल्डर में से किसको मतदान का अधिकार होता है?
S.No. | अंतर बिन्दु | शेयर | डिबेन्चर |
3. | मतदान अधिकार (Voting Rights) | शेयर होल्डर को मतदान का अधिकार दिया जाता है| शेयर होल्डर कंपनी के मैनेजमेंट को प्रभावित कर सकता है| | डिबेंचर होल्डर को मतदान का अधिकार नहीं दिया जाता| यह किसी प्रकार भी कंपनी के मैनेजमेंट को प्रभावित नहीं कर सकता| |
कंपनी पर शेयर होल्डर का अधिकार होता है या डिबेंचर होल्डर का अधिकार होता है?
S.No. | अंतर बिन्दु | शेयर | डिबेन्चर |
4. | नियंत्रण (Control) | कंपनी का नियंत्रण इक्विटी शेयर होल्डर्स के हाथों में होता है| | डिबेंचर होल्डर के हाथों में कंपनी का कोई नियंत्रण नहीं रहता है| |
शेयर तथा डिबेंचर में प्रतिफल पाने का अधिकार किसको होता है?
S.No. | अंतर बिन्दु | शेयर | डिबेन्चर |
5. | प्रतिफल का अधिकार (Rights to return) | इक्विटी शेयर होल्डर्स को प्रॉफिट तभी मिलता है जब कंपनी को फायदा होता है| | कंपनी को डिबेंचर होल्डर को एक निश्चित रकम देनी ही पड़ेगी| |
शेयर तथा डिबेंचर में सुरक्षा की भावना किसमें अधिक पाई जाती है?
S.No. | अंतर बिन्दु | शेयर | डिबेन्चर |
6. | सुरक्षा (Security) | शेयर के विरुद्ध कोई भी प्रॉपर्टी गिरवी नहीं रखी जाती| इसलिए इनमें सुरक्षा की भावना कम होती है| यदि कंपनी प्रॉफिट में है तो शेयर होल्डर भी प्रॉफिट में होता है| यदि कंपनी घाटे में है तो शेयर होल्डर भी घाटे में होता है| | इसमें कंपनी को कुछ गिरवी रखना पड़ता है| यदि कंपनी पैसा वापस देने की स्थिति में नहीं रहती तो इस संपत्ति को बेच कर नुकसान की भरपाई की जाती है| इस प्रकार इन में सुरक्षा की भावना अधिक होती है| |
शेयर तथा डिबेंचर में पैसा कब वापस मिलता है?
S.No. | अंतर बिन्दु | शेयर | डिबेन्चर |
7. | प्रतिदान (Redemption) | इक्विटी शेयर का पैसा पूरी जिंदगी में कभी वापस नहीं मिलता| वह पैसा केवल तभी मिल सकता है, जब कंपनी बंद हो रही हो| प्रेफरेंस शेयर में यदि रिडीमेबल शेयर लिया गया है तभी आप पैसा वापस ले सकते हो| | इनमें एक निश्चित तारीख के बाद पैसा वापस पाया जाता है| कंपनियां डिबेंचर को वापस ले लेती हैं तथा डिबेंचर होल्डर को उसकी तय रकम दे देती हैं| |
शेयर तथा डिबेंचर में से किसमें जोखिम ज्यादा है?
S.No. | अंतर बिन्दु | शेयर | डिबेन्चर |
8. | जोखिम (Risk) | शेयर होल्डर्स को नुकसान उठाने वालों की कतार में सबसे पहले रखा जाता है| | डिबेंचर होल्डर्स को नुकसान का जोखिम बहुत कम होता है| कम जोखिम के कारण ही डिबेंचर होल्डर को एक तय इनकम मिल जाती है| |
निष्कर्ष
इस पोस्ट को पूरा पढ़ने के बाद आपको डिबेन्चर तथा शेयर के बीच का फर्क अच्छी तरह मालूम चल गया होगा|
अब मैं इस निष्कर्ष पर पहुंचा हूं कि यदि आप रिस्क नहीं लेना चाहते और एक फिक्स्ड इनकम चाहते हैं तो आपको Debenture में पैसा लगाना चाहिए|
यदि आप बिजनेस में रिस्क लेना चाहते हैं और आपको शेयर्स के बारे में अच्छी जानकारी है तो आप शेयर्स में इन्वेस्टमेंट करनी चाहिए|
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