Repos Energy की founder अदिती भोसले वालुंज (Aditi Bhosale Walunj) ने लिखा कि जब हमने स्टार्टअप शुरू किया तो मैंने कहा कि “इसके लिए रतन टाटा मेंटर हों तो बहुत अच्छा रहेगा|”
इस पर सभी ने मुझसे कहा कि उनसे मिलना लगभग असंभव है!
सिर्फ एक फोन कॉल के जरिए मिलने का ऑफर आया! बस! फिर क्या था देखते ही देखते एक स्टार्टअप की किस्मत ही बदल गई!
आज यह स्टार्टअप (Startup) तरक्की की बुलंदियों पर है! मैं हम किसी फिल्म की कहानी नहीं बता रहा, बल्कि यह वासत्व में हकीकत है!
अब! आप यह जानना चाह रहे होगे कि यह फोन किसके द्वारा किया गया?
तो दोस्तों, यह फोन कॉल किया गया था रेपोस एनर्जी (Repos Energy) को और करने वाले थे देश के जाने-माने उद्योगपति रतन टाटा (Ratan Tata)!
इन्होंने क्या किया था?
इन्होंने इलेक्ट्रिक चार्जिंग व्हीकल लॉन्च किया था!
रतन टाटा (Ratan Tata) के इन्वेस्टमेंट वाले पुणे स्थित, मोबाइल एनर्जी डिस्ट्रीब्यूशन स्टार्टअप रेपोस एनर्जी (Repos Energy) ने हाल ही में ऑर्गेनिक कचरे से संचालित ‘मोबाइल इलेक्ट्रिक चार्जिंग व्हीकल’ लॉन्च किया था! स्टार्टअप की फाउंडर अदिति भोसले वालुंज और चेतन वालुंज ने अपने शुरुआती दिनों का जिक्र करते हुए बताया कि “कैसे रतन टाटा के एक फोन कॉल ने उनकी किस्मत ही बदल दी”
इस फोन कॉल से पहले दोनों का सपना था कि उनकी कंपनी को टाटा ग्रुप के चेयरमैन श्री रतन टाटा का मार्गदर्शन मिले|
Startup News
फोन कॉल की कहानी
रेपोस एनर्जी की फाउंडर अदिति भोसले वालुंज (Aditi Bhosale Walunj) ने अपने लिंक्डइन अकाउंट (LinkedIn account) पर एक बहुत लंबा-चौंड़ा पोस्ट शेयर किया है!
इसमें अदिति ने लिखा कि, जब मैंने और चेतन ने स्टार्टअप शुरू किया तो मैंने कहा कि “इसके लिए रतन टाटा मेंटर हों तो बहुत अच्छा रहेगा” इस पर सभी ने मुझसे कहा कि उनसे मिलना असंभव है!
इसके बाद उन्होंने बताया कि इन सब बातों से भी उनका हौसला नहीं टूटा! अदिति ने अपने प्रोजेक्ट से संबंधित एक 3डी प्रेजेंटेशन तैयार किया! इसमें रेपोस एनर्जी के लक्ष्य और तकनीक के इस्तेमाल से फ्यूल डिस्ट्रीब्यूशन या एनर्जी और डिलीवरी सिस्टम में बदलाव की योजना को बताया!
कितनी देर घर के बाहर इंतजार किया?
आदित्य ने बताया कि उन्होंने 12 घंटे घर के बाहर इंतजार किया!
इसके बाद उन्होंने इस प्रेजेंटेशन को एक लेटर के साथ रतन टाटा के लिए भेजा! जब कोई जवाब नहीं मिला, तो अदिति और चेतन, श्री रतन टाटा से मिलने उनके घर तक पहुंच गए!
घर के बाहर करीब 12 घंटे तक दोनों ने इंतजार किया, लेकिन उनकी मुलाकात नहीं हो पाई और थक-हारकर दोनों वापस लौटना पड़ा!
अदिति ने अपनी पोस्ट में कहा कि उनका यह इंतजार बेकार नहीं गया, जब हम होटल वापस आए, तभी होटल में एक फोन कॉल आया!
मैंने फोन उठाया तो दूसरी तरफ से आवाज आई कि ‘हैलो, क्या मैं अदिति से बात कर सकता हूं?’ अदिति के मुताबिक, जब मैंने पूछा कि कौन बोल रहा है, तो सामने से आवाज आई, मैं रतन टाटा बोल रहा हूं! मुझे आपका लेटर मिला, क्या हम मिल सकते हैं?
यह सुनते के साथ ही अदिति को यह एक सपने जैसा लगा!
हौसले और जुनून की कहानी
अदिती ने बताया कि यह वह पल था जब उनका सबसे बड़ा सपना सच हो रहा था! अगले ही दिन अदिति और चेतन टाटा ग्रुप के चेयरमैन से मिलने के लिए पहुंचे! उन्होंने रतन टाटा जी को अपना प्लान बताया!
इस बारे में अदिति ने बताया, उनकी यह मीटिंग तीन घंटे चली! मीटिंग में उन्होंने अपने काम और लक्ष्य के बारे में बताया!
इसके बाद टाटा समूह की ओर से वर्ष 2019 में पहला और वर्ष 2022 में दूसरा निवेश मिला! उन्होंने अपनी इस स्टार्टअप बिज़नेस यात्रा को ‘हौसले और जुनून की कहानी’ करार दिया!
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