सुप्रीम कोर्ट के द्वारा गुरुवार को जीएसटी के ऊपर अपने एक फैसले में कहा कि “राज्य जीएसटी पर कानून बना सकते हैं”
साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि “देश में एक सरकारी संघीय ढांचा है| यह हमेशा जरूरी नहीं है कि केंद्र और राज्य एक-दूसरे की तुलना में ज्यादा ताकत रखें|”
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सुप्रीम कोर्ट का GST पर फैसला हिंदी में (GST verdict by Supreme Court in Hindi)
सुप्रीम कोर्ट के द्वारा गुरुवार को अपने एक फैसले में देश के लोकतंत्र में मिले-जुले संघीय ढांचे पर जोर देकर कहा गया है कि “ केंद्र सरकार और राज्य सरकारों के पास जीएसटी पर अलग-अलग कानून बनाने की शक्ति है!”
साथ ही तीन जजों की बेंच ने कहा कि “जीएसटी काउंसिल की सिफारिशें केंद्र और राज्य सरकारों पर बाध्यकारी नहीं है| इनसे सिफारिशों को सिर्फ सलाह के तौर पर ही देखा जाना चाहिए|”
इसका अर्थ यह हुआ कि जीएसटी काउंसिल केंद्र और राज्य सरकारों को सिफारिश तो दे सकती है परंतु उन्हें अपने कसीस फैसले में परिवर्तन करने के लिए बाध्य नहीं कर सकती|
और क्या कहा?
इसके द्वारा अदालत के फैसले में यह भी कहा गया कि “हो सकता है कि केंद्र सरकार के पास इस मामले में ज्यादा शक्ति हो| वह उलझन की स्थिति से निपटने के लिए इनका इस्तेमाल करें, लेकिन इसके साथ-साथ राज्यों के पास भी भरपूर शक्ति है| भारत में बहुदलीय व्यवस्था है!
इस कारण से केंद्र तथा राज्य सरकार अलग-अलग हो सकती है! यदि किसी परिस्थिति में राज्यों के पास कम शक्ति है, तब भी वे संविधान के तहत केंद्र सरकार के द्वारा बनाए गए नए नियमों का विरोध कर सकते हैं!
हमेशा यही जरूरी नहीं है कि केंद्र तथा राज्य एक दूसरे की तुलना में ज्यादा ताकत रखें!”
सरकारों को निर्देश
जस्टिस डी. वाई. चंद्रचूड़ की बेंच ने कहा कि “राज्य और केंद्र सरकार को सहयोग करते हुए विचार के साथ नतीजों पर पहुंचना चाहिए! जीएसटी काउंसिल को एक प्रैक्टिकल समाधान के लिए सामंजस्य बैठाना चाहिए!
फिलहाल अभी जीएसटी एक्ट में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है जो केंद्र और राज्य के बीच विरोधाभास का निपटारा करवाता हो! हालांकि, जीएसटी काउंसिल उचित सलाह देती है!”
निष्कर्ष
इसको में सामान्य भाषा में समझाने का प्रयत्न करता हूं! जैसा कि आप जानते हैं कि केंद्र में बीजेपी की सरकार है! तथा राजस्थान में कांग्रेस की सरकार है!
अब! यदि केंद्र सरकार जीएसटी कानून में कोई बदलाव करती है तो राजस्थान सरकार उसका विरोध कर सकती है तथा उसके तथा राजस्थान राज्य के लिए कैबिनेट में बिल पास कर के कानूनी रूप से जीएसटी के ऊपर अलग से कानून भी बना सकती है!
अब! आप यह सोच रहे होगे कि मान लो केंद्र में तथा राज्य में एक ही पार्टी की सरकार हो तब क्या राज्य अपने जीएसटी के ऊपर केंद्र के द्वारा बनाए गए कानून का विरोध तथा उस पर नया कानून बना सकते हैं?
जी हां, इसका अर्थ यही है कि केंद्र तथा राज्य सरकारें जीएसटी के ऊपर अलग-अलग कानून बना सकती हैं!
FAQs: GST LAWS
अब! आधार कार्ड की मदद से, 3 दिन में, जीएसटी रजिस्ट्रेशन नंबर जारी देने की सुविधा शुरू कर दी गयी है!
जी हां, आप जीएसटी ऑनलाइन पंजीकरण www.gst.gov.in पर लॉगइन करके जीएसटी रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं!
यदि आप सरकार के द्वारा तय किए गए मानकों के अंतर्गत आते हैं तो आपको जीएसटी नंबर लेना पड़ेगा! साथ ही एक राज्य से दूसरे राज्य में माल भेजने में बहुत सुविधा होती है!
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