इस पोस्ट के माध्यम से मैं आपको Forfeiture of shares (शेयरों की अधिप्राप्ति) क्या होती है? इसके बारे में बताऊँगा, परंतु इसे समझने से पहले आपको forfeiture का हिंदी मतलब समझ लेना चाहिए|
शेयर के बारे में अच्छी तरह से समझने के लिए यह पोस्ट पढ़ना भी बहुत जरुरी है|
तो चलिए! दोस्तों शुरु करते हैं|
Forfeiture of shares meaning in Hindi
Forfeiture meaning in Hindi: “ज़ब्ती, समपहरण, दण्ड”
इसी प्रकार forfeiture of shares का हिंदी में अर्थ होता है: “शेयरों का अधिप्राप्ति”
यह तो हो गई Forfeiture & Forfeiture of shares के हिंदी अर्थ की बात!
अब आपको फोरफीचर ऑफ शेयर क्या होता है? यह जानने में अधिक कठिनाई नहीं होगी|
Forfeiture of shares Definition in Hindi
Forfeiture of shares definition in Hindi: “किसी भी कंपनी द्वारा अलॉट किए गए शेयरों को शेयर होल्डर से ज़ब्त कर लेना”
शेयर्स ज़ब्त करना केवल एक ही स्थिति में होता है| वह स्थिति होती है जब शेयर की पूरी कीमत कंपनी को ना मिली हो|
यानी ऐसा कंपनी उन शेरहोल्डर्स के साथ करती है जिन्होंने शेयर्स की पूरी अदायगी ना की हो|
What is forfeiture of share
शेयर की जब्ती क्या है? (What is forfeiture of share)
यदि मैं सामान्य भाषा में समझाऊं तो जिस शेयर होल्डर ने शेयर लेकर उन शेयर्स की पूरी रकम कंपनी को अदा ना की हो|
ऐसी स्थिति में कंपनी उन शेयर्स को ज़ब्त कर लेती है तथा उन शेयर्स को नए लोगों को Reissue करती है|
इसके साथ ही कंपनी उस सदस्य पर कुछ आर्थिक दंड भी लगा देती है जिससे कि अन्य सदस्यों में भी यह मैसेज चला जाता है कि “वह ऐसा ना करें अन्यथा उनको आर्थिक नुकसान हो सकता है| “
Forfeiture of shares किस परिस्थिति में होता है?
फोरफीचर ऑफ़ शेयर किस परिस्थिति में होता है? यह केवल एक ही परिस्थिति में होता है|
Nonpayment (गैर-भुगतान)
इसका अर्थ है कि पैसा मांगने पर गैर-भुगतान के लिए शेयरों को रद्द करना।
यानी कि जब कंपनी द्वारा शेयर्स की बकाया रकम सदस्य द्वारा मांगी जाती है और वह इसको देने में असमर्थ रहता है|
Nonpayment (गैर-भुगतान) के बाद कंपनी क्या करती है?
कंपनी कभी भी सीधे ही शेयर्स को ज़ब्त नहीं करती|
नोटिस
गैर भुगतान की परिस्थिति में कंपनी कभी भी सीधे ही शेयर्स को ज़ब्त नहीं करती|
इसके लिए वह पहले 14 दिन का नोटिस देती है|
यदि 14 दिन के अंदर भी इस पेमेंट को जमा नहीं किया जाता तब वह अपनी आगे की कार्यवाही को शुरू करती है|
Share forfeiture करने के बाद क्या कंपनी उस शेयर के बदले में लिए हुए धन को वापस करती है?
कंपनी जब भी शेयर को फोर फीचर करती है तब उन शेयर्स के बदले में कंपनी को जितना भी पैसा मिल चुका है कंपनी उस पैसे को वापस नहीं करती|
इसे आप डिफॉल्ट सब्सक्राइबर को आर्थिक दंड के रूप में भी देख सकते हैं|
अकाउंट में इस रकम को क्या कहेंगे?
अब थोड़ा सा अकाउंट की बात भी समझ लेते हैं| जब कंपनी ने इन शेयर्स को फोरफीचर कर ही लिया है तो यदि उससे कुछ रकम कंपनी को मिल चुकी है तो उसे क्या कहेंगे? और जो रकम कंपनी को नहीं मिली है उसे क्या कहेंगे?
कंपनी द्वारा एक शेयर के बदले में मांगी गई रकम – Amount of share called-up
जो रकम नहीं मिली है (AMount not Paid) – To calls in Arrear A/C
जो रकम मिल गई है (AMount Paid) – To forfeiture A/C
उदाहरण
कोई भी बात उदाहरण द्वारा आसानी से समझ में आ जाती है|
मान लीजिए
महेश ने 200 शेयर At Par (जितना मूल्य शेयर पर अंकित होता है) वेल्यू पर लिए|
अधिक जानने के लिए पढ़ें- Issue of shares क्या होता है? शेयर जारी करने की प्रक्रिया जानें|
एक शेयर की कीमत ₹20 रुपए थी|
कंपनी ने इस को तीन हिस्सों में डिवाइड कर दिया था| 10 +6+4
इसमें फ़र्स्ट कॉल है ₹4
calls in Arrear हुआ फर्स्ट कॉल का|
अब कंपनी द्वारा महेश के 200 शेयर को अन लिस्टेड कर दिया जाएगा|
इन इक्विटी शेयर्स की रकम को डेबिट कर दिया जाएगा|
अब अकाउंट्स में इस रकम को किस प्रकार लिखा जाएगा?
अब इस उदाहरण के हिसाब से मैं सारा अकाउंट लिखूंगा|
कंपनी द्वारा एक शेयर के बदले में मांगी गई रकम – Amount of share called-up = ?
कंपनी द्वारा मांगी गई रकम- 1 शेयर ₹20 X टोटल शेयर 200 = 4000
यानि
कंपनी द्वारा एक शेयर के बदले में मांगी गई रकम – Amount of share called-up = 4000
जो रकम नहीं मिली है (Amount not Paid) – To calls in Arrear A/C= ?
फर्स्ट कॉल वैल्यू 4 Rs. x Total share 200 = 800
यानि
(Amount not Paid) जो रकम नहीं मिली है – To calls in Arrear A/C= 800
जो रकम मिल गई है (Amount Paid) – To forfeiture A/C = ?
रकम मिल गई है 16 x टोटल शेयर 200 = 3200
जो रकम मिल गई है (Amount Paid) – To forfeiture A/C = 3200
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उम्मीद करता हूं इस पोस्ट के माध्यम से आप Forfeiture of shares (शेयरों की अधिप्राप्ति) के विषय में अच्छी तरह जान गए होगे|
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धन्यवाद|